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बातां : तीन / ॠतुप्रिया

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आपां
बातां तो करां
घणी चोखी-चोखी
पण
इण रै मुजब
ढळां किता'क ?

बरफ दांईं
टुकड़ा-टुकड़ा सांच

कीं नीं आणी-जाणी
अर
पसरज्यै
बण'र पाणी।