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बान्हैन बान्हैन सौदागर दस बीस टकबा / अंगिका लोकगीत

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बान्हैन<ref>बाँधो</ref> बान्हैन सौदागर दस बीस टकबा<ref>रुपये, चाँदी का एक सिक्का, टंक</ref>, कि हमैं जैबे<ref>जाऊँगा</ref> मालिनि<ref>मालिन</ref> उदेसे<ref>खोज में</ref>।
कम्मरहिं<ref>कमर में</ref> छहों<ref>है</ref> सौदागर दस बीस टाका, हमौं जैबे मालिनि उदेस॥1॥
एक कोस गेलैन<ref>गया</ref> सौदागर, गेलैन दोसर कोसे, कि तेसर कोसे अकबाल<ref>सामर्थ्य</ref> मेंटिए<ref>मिट गया</ref> गेलय<ref>मिट गया</ref>।
लिहैन<ref>लेना</ref> लिहैन मालिन दस बीस टकबा, गोथी<ref>गूँथ</ref> दिहेन<ref>दो</ref> नुनु<ref>बच्चा</ref> केर सिलेहऽ<ref>स्नेह; सेहरा</ref>॥2॥
लदिया<ref>नदी</ref> के कोरे कोरे<ref>किनारे-किनारे</ref> जैहें गे मालिन, वहाँ पैबे<ref>पाओगे</ref> गे मालिन ठूठिला<ref>एक प्रकार का जलीय पौधा, जिससे मौर बनता है</ref> कोरिला<ref>एक प्रकार का जलीय पौधा, जिससे मौर बनता है</ref>।
बुनि<ref>बुन दो</ref> हिदें गे मालिन, नुनु केरऽ सिलेह।
एकऽ<ref>एक</ref> पीठी<ref>पीठ; तरफ</ref> लिखिहें<ref>लिखना</ref> मजुरबा<ref>जोड़ा</ref>, आरो<ref>और; दूसरे</ref> पीठी राजा हंस चकेबा॥3॥

शब्दार्थ
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