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बिजली न आये/ शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
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रैना बीत जाये बिजली न आये रैना बीत जाये बाहर अँधेरा भीतर अँधेरा कछु नहिं सूझे घबराये मन मेरा मच्छर सताये।। रैना बीत जाये।। पंखे फ्रिज कूलर बन्द पड़े हैं पानी बिना सब सूखे घड़े हैं तन चिपचिपाये.।।
.रैना बीत जाये।।
विरहा की मारी प्रेम की प्यासी बिजली बिना छाई घर में उदासी पिया चिड़चिड़ाये।। रैना बीत जाये।। दिन भर के हारे गर्मी के मारे छत पर टहल रहे सैंया बेचारे अन्दर न आये।। रैना बीत जाये।। बुलाये बुलाये जब पिया नहीं आये लेट गयी बिना सांकल लगाये चोर घुस आये।। रैना बीत जाये।।