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बिल्ली / फुलवारी / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
मैं जैसे ही सो कर जागा ,
आँगन में एक बिल्ली आई।
बिल्ली खूब साफ-सुथरी थी ,
खाती थी वह दूध मलाई॥
मुझसे बोली - म्याऊं म्याऊं
तुम जब बोलो मैं आ जाऊं।
दूध मलाई मक्खन खाऊं
चूहों को झट चट कर जाऊं॥