Last modified on 15 जुलाई 2010, at 01:55

बीज बोया है फसल काटेंगे / राजेश चड्ढा

  
बीज बोया है फसल काटेंगे,
दर्द बोया है ग़ज़ल काटेंगे ।

आपकी उम्र बड़ी कीमती है,
ज़िन्दगी सूद सी हम काटेंगे ।

रोज़ा जब रोज़ की ज़रूरत हो,
ईद पर मिलकर भूख बाँटेंगे ।

आप उसूलों की बात करते हैं,
आप थूकेंगे आप चाटेंगे ।