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बेड़ु पाको बारो मासा / कुमाँऊनी

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   ♦   रचनाकार: बृजेन्द्र लाल शाह

बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

भुण भुण दीन आयो -२ नरण बुझ तेरी मैत मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

आप खांछे पन सुपारी -२, नरण मैं भी लूँ छ बीडी मेरी छैला -२
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

अल्मोडा की नंदा देवी, नरण फुल छदुनी पात मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, नरणा मेरी खुटी पीडा मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २

अल्मोडा को लल्ल बजार, नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला
बेडु पाको बारो मासा -२, ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला - २