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बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर घुमि-घुमि देल हे महारानी सिया
आगू आगू दुलहिन लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर पाछू लागल जाइ हे महारानी सिया
सखि के वचन सुनि प्रेम संग ने लगबियौ हे महारानी सिया
पहिरा दिअनु प्रेमक मालहे महारानी सिया
वेदिया जे घुमि घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
उठू उठू आहे सखि लाबा छिड़िआउ हे
दुलहा दुलहिनियां के मड़बा घुमाउ हे
आंचर- चदरिया मे गेठिया बन्हाउ हे
घूमि घूमि सखि सब मंगल गाउ हे
आगू आगू दुलहिन पाछू दुलहा कुमार हे
देखू आब सखि सब फूल बरिसाउ हे
सीता जी के हाथ शोभनि सिन्दुर के पुड़िया हे
छोड़ि देलनि सीया अपन - परार हे
कहथिन गाबि सखि गारि बरिआति हे
दुलहा के माय बहिन बहुत छिनारि हे