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बौना / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
चलना पड़ता
घुटनों के बल
रेंगना पड़ता
कुहनियों पर
होना पड़ता है बौना
उस ऊंचाई पर
पहुँचने के लिए
जहाँ से दीखते हैं
सब बौने।