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भरतवाक्य / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
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राम सानुज शंकरक मधु माधवी पद पल्लवा
देथु नित्यानन्द प्रेम प्रतीति श्रीधर बल्लभा
राम कृष्ण समर्पिता मति गति विवेक निवेदिता
राम मोहन तीर्थ सदयानन्द युग संबोधिता
झलक प्राची तिलक रवि अरविन्द-बन्धु दिगंगना
चन्द्र वंकिम कला वन्दे मातृभूमिक नन्दना
मद न मोह न दास कर्मक केस वेस न कल्पना
लाज राष्ट्रक लाल वल्लभ नेह रूपक अल्पना
देश भगतक रकत चाननसँ मुवासित भारते
भवतु भव्य भवाय विश्वहिताय नित्य नमोस्तु ते