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भाई जी / सौरभ
Kavita Kosh से
जमाना बड़ा खराब है भाई जी
हुआ हाल-बेहाल भाई जी
गरमी में पड़ रही सरदी
बसंत बना बरसात भाई जी
बेईमान ने ओढ़ लिया लबादा
शरीफ हो रहा बदनाम भाई जी
चोर बन गए साध और नेता
पुलिस दे रही पहरा भाई जी
लोग उतरते है उतराई
मैं उतर रहा चढ़ाई भाई जी
बने हैं सब मर्ज़ी के मालिक
कोई किसी की नहीं सुनता भाई जी
कहते हैं सभी भाई जी भाई जी
वक्त पर बन जाते कसाई भाई जी।