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भाटो करै दौड़धाम / कुंदन माली
Kavita Kosh से
मिनख-मानवी
आ बात
घणै जमानै सूं
करियां करे
‘बगत पड़ियां
भूख, भाटा सूं
पेट भरियां करे’
भाटो
चौंफेर
उण भगवान नै
ढूंढतो फिरै
जिणी उण नै
भावनावां री ठौड़
भूख नै
सौंप दियो
अणबोल्या
भाटा सागै
ओ किस्यो
मजाक कियो ?