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भायलाचारो / देवकरण जोशी
Kavita Kosh से
दूध बेचणवाळो
मिलावै दूध मांय पाणी
दूध देवै पाणी नैं
आपरो नांव
अर पाणी ई बाजै दूध
ढाबैवाळो
चढावै टोपियो भट्टी माथै
हेटै देवै आंच
बळन लागै पाणी
रीसां बळ्योड़ो दूध
बासती बुझावण खातर
चढ जावै टोपियै रै किनारां
पण देवतां ई छांटो
पाणी रो
मंगसी पड़ जावै रीस
दूध री
मिल’र भायलै सूं
करै किलोळां
खदबद-खदबद।