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भारत के आजादी छै / देवेन्द्र नाथ 'दिलवर'
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कागज के पनना-पन्ना पेॅ
भारत के आजादी छै ।
लूट-पाट आरू खून-खराबा
चारो तरफ बरबादी छै ।
कागज के पनना-पन्ना पेॅ
भारत के आजादी छै ।
आजादी ऐहनोॅ कि पैलौं
सघरे धक्का-धुक्की खैलौं
डेग-डेग पर मारा-मारी
गाँव-शहर सब पारा-पारी
अत्याचारी के मनसूबा
देखोॅ की फौलादी छै ।
कागज के पनना-पन्ना पेॅ
भारत के आजादी छै ।
अंग्रेज आजादी छोड़नें छै
काला अंग्रेज पकड़लेॅ छै
‘दिलवर’ के दिल बोलै छै
नेता के परदा खोलै छै
देश केॅ लूटै खातिर आगू
कपड़ा खाकी-खादी छै ।
कागज के पनना-पन्ना पेॅ
भारत के आजादी छै ।