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भारतवर्ष / सोहनलाल द्विवेदी
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यह भारतवर्ष हमारा है!
हमको प्राणों से प्यारा है!!
है यहाँ हिमालय खड़ा हुआ,
संतरी सरीखा अड़ा हुआ,
गंगा की निर्मल धारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!
क्या ही पहाड़ियाँ हैं न्यारी?
जिनमें सुंदर झरने जारी!
शोभा में सबसे न्यारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!
है हवा मनोहर डोल रही,
बन में कोयल है बोल रही।
बहती सुगंध की धारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!
जन्मे थे यहीं राम सीता,
गूँजी थी यहीं मधुर गीता।
यमुना का श्याम किनारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!
तन मन धन प्राण चढ़ाएँगे,
हम इसका मान बढ़ाएँगे!
जग का सौभाग्य सितारा है!
यह भारतवर्ष हमारा है!