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भासा री अमरबेल / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
मानसरोवर जिसड़ी म्हारी
राजस्थानी भासा !
इण स्यूं निकळी हिन्दी, सिन्धी
गुजराती हरियाणी,
माया माळवी मेवाती री
कोनी कीं स्यूं छानी,
नेपाली, गढवाळी सै री
आ जीवण री आसा।
भर्या डोगरी कुमाडँनी में
इण रा सबद घणेरा,
मीरा मिस आ बसी बिरज में
खाय किसन स्यूं फेरा,
अमरबेल ज्यूं पसरी, इण रा
नाळ चढ्या आकासां।
संविधान में मिलै मानता
इण री आ अधिकारी,
हर्यो राखसी संस्कृति रो बड़
आ अमरित री झारी,
इण रै बिना अधूरी आखै
साहित री परिभाषा !