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भुईयाँ / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
धरती कॅ बोलै छै भुइंयाँ
भुइंयाँ पर खान्है छै कुइंयाँ
होम-जाप जखनी हूवैं छै
गम-गम सगर करै छै धुइंयाँ।
कत्तोॅ गरम रहेॅ ई धरती
कनकन पानी दै छै कुइंयाँ
दादी-नानी साथ मिलै तॅ
घोघो तानै दोनों गोइंयाँ।