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भूमिका / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
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जाही-जूही कथा-यूथिका गाथा याथातथ्य
कतहु पढ़ल वा पड़ल कानमे किदहु लिखल वर कथ्य
सुरभित अंतरकेँ कय गेल तकर किछु गंध-निबध
छंद मात्र परिधान देल नहि कल्पित कथा - प्रबध
‘कथा - यूथिका’ मैथिलीक डालीमे संचित मात्र
करइत आशासित छी, होयत पूजित अन्तर पात्र