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भेड़िये और आदमखोर बकरियाँ / नीरज नीर
Kavita Kosh से
जंगल में रहती हैं बकरियाँ
और बकरियों की खाल पहने
कुछ भेड़िये भी
मेमनों की हत्या करके
भेड़ियों ने रक्त लगे मुंह साफ किए हैं
नदी के जल में
नदी का जल हो गया है लाल...
नीचे की बस्ती में
चर्चा गरम है ...
फैल रही है अफवाह
इल्जाम है जंगल की बकरियों पर कि वे
हो गयी हैं हिंसक
उनके मुंह लग गया है खून
बकरियों को मारने की
बनाई जा रही है योजनाएँ
भेड़िए हंस रहे हैं
बकरियाँ बदहवास हैं
बस्ती में है चुनावी शोर
लाल रंग हो गया है
गहरा और गहरा