Last modified on 13 अगस्त 2019, at 00:11

भ्रष्टाचार / अनूप रंजन पांडेय

सुरसा के मुंह कस बाढ़त हे निस दिन भ्रष्टाचार
नेता, मंत्री, संतरी, साहेब, बाबू हवलदर॥
बाबू हवलदार, रंगे घूसख़ोरी रंग मा।
देश के बड़का मंत्री घालो, चलेहे संगमा
कह पांडे कविराय, बैपारी गज़ब मंजा उड़ावय।
महंगाई के मार के, जनता के नारी जुड़ावय।