भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मंत्री जी तोहें खोआ हम्में बाटी / अमरेन्द्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मंत्री जी तोहें खोआ हम्मेँ बाटी
टी.वी. रेडियो गुण तोरोॅ गावौं-फेनी-फेनी घाँटी
हे कलियुग रोॅ कलि अवतारी तोहें गुदा, हम्मेँ आँठी
जों हमेँ दिल रोॅ बात कहै छी, लै छोॅ तोहें डाँटी
तोहें लाब्है रँ मुचमुच छोॅ हम्मेँ तेँ भुजनाँठी
कानिये-कपसी बोलिये-वाजी की करवोॅ अमरेन्दर
हमरोॅ कानवोॅ आम-टिकोला, तोरोॅ हाँसवोॅ-लाठी।