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मंदराचल / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मंदराचल, मंदराचल परवत है भारी मंदराचल

परवत उपर देव बसत हैं जहाँ कुंड एक भारी
हे हो जहाँ कुंड एक भारी
ता के नीचे नदी बहत है पापहरनी कहलाई रे भाई मंदराचल
मंदराचल, मंदराचल परवत है भारी मंदराचल

लछमीपुर से हाथी आए हौदा दियो चढ़ाय
ता पर बैठे बाबा बासुकी पापहरनी नहलाए रे भाई
मंदराचल
मंदराचल, मंदराचल परवत है भारी मंदराचल