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मगह के माटी मे / उमेश प्रसाद
Kavita Kosh से
मगह के माटी में
लह-लह धान हे
सुनऽ गोरिया
नामी जेकर मगही पान हे
सुनऽ गोरिया
राधा आउ कान्हा
नीयन हमहूँ जोड़ी,
देखऽ मेहरी तरसे
गऊँआ के गोरा-गोरी ।
चेहरा तोहर लगो जैसे
पुनियाँ के चान हे ।
सुनऽ गोरिया
नामी जेकर मगही पान हे.....।
बुद्ध आउ महावीर के
धरती महान हे,
बगले बड़गाव में
सुरूज़ के स्थान हे,
कते-बेरी हार गेलन,
कृष्ण भगवान हे
सुनऽ गोरिया
नामी जेकर मगही पान हे.....।
माघ के जाड़ा
गरम राजगीर के धारा
दुनिया के मानुख ले
केतना हइ प्यारा ।
जन–जन के जिनगी ले
नयका विहान हे ।
सुनऽ गोरिया
नामी जेकर मगही पान हे.....।
भेलई निनानवे मे
कारगिल लड़इया,
होलइ शहीद कते
मगह के भइया ।
भारत मइया खातिर हमहूँ
होबइ क़ुरबान हे ।
सुनऽ गोरिया
नामी जेकर मगही पान हे.....।