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मजल मतै पुकारसी / कन्हैया लाल सेठिया
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पग उठा’र चालसी
मजल मतै पुकारसी।
तावड़ी घणी कड़ी,
मेह री बंधी झड़ी,
पण न थम पल घड़ी
तू निसंक जीतसी
रोक थाम हारसी
मजल मतै पुकारसी।
जळै बळै दिन ढळै
रात चांद झळ मळै
पण न जे मग टळै
हवा पसेव पूंछसी
पंथ नै बुहारसी
मजल मतै पुकारसी।
फूल नै तू मुळक
सूळ नै तू मुळक
मत हिचक मत झिझक
गीत कंठ भारती
आरती उतारसी
मजल मतै पुकारसी।