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मणिकर्णिका / विजय चोरमारे / टीकम शेखावत
Kavita Kosh से
घुमावदार हो तब भी
राह होनी चाहिए आसान
कोई भी पहुँच सके सीधे गन्तव्य तक
करनी न पड़े किसी को भी
पूछताछ यहाँ-वहाँ
घाट की ओर जाने वाला रास्ता
है ख़ूब घुमावदार
दिशा-दर्शक फलक भी नहीं है कहीं
फिर भी
पहुँच पाते हैं सीधे
रुकना चाहिए थोड़ी देर
किसी कोने में
“राम नाम सत्य है’ की आवाज़ को
आगे जाने के लिए
फिर चला जाए उनके पीछे-पीछे
जीने की राह
इतनी आसान कभी
क्यों नहीं हो पाती?
मूल मराठी से अनुवाद — टीकम शेखावत