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महेंदी ते वावी मालवे ने / गुजराती लोक गरबा
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे....
नानो दिअर्यो लाडको ने काइन लाव्यो मेहँदी नो छोड़ रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे....
मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे....
वाटी कूटी ने भर्यो वाटको ने भाभी रंगों तमारा हाथ रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे...
मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे....
हाथ रंगीने वीरा शु करूं रे एनो जोनारो परदेस रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे
मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे....
लाख टका नू रोकडा रे कोई जाजो दरिया पार रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे..
मेहँदी ते वावी माळवे ने एनो रंग गयो गुजरात रे
मेहँदी रंग लाग्यो रे....