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मांयली आंख / सांवर दइया
Kavita Kosh से
धूंवै अर भाप में डूब्या
छापौ छाणै हा म्हैं-
खाकी रंग जद खार खावै
गळी-गुवाड़
भागलपुर बण जावै !
उण बगत
सळां भरी चामड़ी
अर धोळा केस बोल्या-
कूड़………कूड़………साव कूड़
आंख्यां ही कठै
जिनको फोड़ी
अर जे फोड़ी ई हुवै
तो इजरज कांई
जद आंधां नै आंधा करै आंधा
ठीक है
आंख ई देखै
आंख हुवणी चाइजै
पण
आंख तो मांय चाइजै !