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माताएँ / तो हू
Kavita Kosh से
मेरी कविता में
बार-बार
माँ का ज़िक्र आता है
सच है यह बात
शायद इसका कारण यह है
जब बारह साल का था मैं
छूट गया था तब ही
मेरा और माँ का साथ
कोई जाति
ज़िन्दा हो पाती है तभी बार-बार
जब उसके बच्चे पाते हैं
माँ का प्यार और दुलार