भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मालती लता / चित्रा पंवार
Kavita Kosh से
लड़कियाँ
मालती की लता होती हैं
गमले में लगा दो
खाद पानी दो
खूब ख्याल रखो
जीती रहेंगी
बढ़ती रहेंगी
मगर खिलेंगी नहीं
जब तक की
खुद की जमीन ना पा लें॥