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मिठास / रामनरेश त्रिपाठी
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धन की मिठास दान मान की मिठास यश
ज्ञान की मिठास आत्मसुख का विकास है।
धर्म की मिठास दया शिक्षा की मिठास कर्म
प्रणय कलह की मिठास परिहास है॥
बुद्धि की मिठास सुकुमार कल्पना है और
नीरुज शरीर की मिठास सुविलास है।
चाहे वह नर का हो चाहे परमेश्वर का
केवल विरह सच्चे प्रेम की मिठास है॥