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मिरा साहस अचानक खो गया है / कुमार नयन
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मिरा साहस अचानक खो गया है
रगों का खून पानी हो गया है।
कहीं से दूध थोड़ा-सा भी लाओ
ये बच्चा रोते-रोते सो गया है।
बड़े आराम से सब लड़ पड़ेंगे
वो नफ़रत प्यार से यूँ बो रहा है।
दयारे-इश्क़ में क्या है कि यारो
नहीं लौटा अभी तक जो गया है।
सितमगर सोच ले क्या होगा तेरा
वो खूं से अपनी आंखें धो गया है।
पता सच का नहीं चल पायेगा अब
कि बनकर झूठ ही सच हो गया है।
दबा है खुद के वजनों से वही जो
हमें कंधों पे अपने धो रहा है।