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मिस्टर नाथ / सत्यप्रकाश जोशी

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ला, म्हारौ मुखड़ौ दै थोड़ौ बारै जाऊं

अंगरेजी रा सबद घाल दै कीं बटवा में
आज काल घर में तौ अै उपड़ै ई कानीं
च्यारूं कांनी बड़लै-बड़लै मोर टहूकै
कुरळावै सरवर रै ईरां तीरां कुरजां
कोयल रस घोळै लुकियोड़ी अमराई में
अंगरेजी रा सबद घाल दै कीं बटवा में
भासार सांच छिपावण वाळी
मन रा भेद लुकावण वाळी
मारग मे मूरख मिळग्या तौ
म्हैं वैंमें अैग्यान उगाऊं
ला म्हारौ मुखड़ौ दै थोड़ौ बारै जाऊं

हंसी पड़ी व्है धुपियोड़ी तौ जेबां भरदै
नीठ टाबरां रै हाथां सूं खोस धरी ऊंची आळा में
घर में नीं व्हैला तौ ई सर जावैला
बारै पग-पग झरणां नदियां री कळकळ में
संचियोड़ी आ हंसी काम म्हारै आवैला
हंसी लांण छळछंद छिपावै
मिनखां में माजनौ बचावै
धौळौ-धौळौ दूध मिळै तौ
म्है उणमें औ जैर मिळाऊं
ला म्हारौ मुखड़ौ दै थौड़ौ बारै जाऊं

ठाकुरजी वाळा नेतर जा अणचल म्हारा
लारै आगै नहीं, फगत म्हैं आज देख लूं
बारै घणौ तावड़ौ जगमग चांदणौ है
भांत-भांत रै रंगां रा दै नैण, म्हानै बारै जांणौ है
हाथ पगां पांसळियां री हाडकियां माथै
चिपियोड़ी चमड़ी तिड़कैला ठौड़-ठौड़ सूं
इण में थोड़ौ घास फूस अर पालौ भर दै
व्रख खांधा, केहर कटि, लांबा भुज दो कर दै
म्हनै मिना रौ भरम बणा म्हैं बारै जाऊं
ला म्हारौ मुखड़ौ थोड़ौ बारै जाऊं