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मीठा रगड़म / गिरीश पंकज
Kavita Kosh से
अगड़म-बगड़म,
छोड़ो तिकड़म ।
भूलो ऊधम,
पढ़ लो तगड़म ।
फ़ेल हुए तो,
मिलता झपड़म ।
पास हुए तो,
मीठा रगड़म ।
अगड़म-बगड़म,
छोड़ो तिकड़म ।