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मुआवजा / श्रीरंग
Kavita Kosh से
चमकती आँखों वाले हिंसक भेड़िए
लड़ रहे हैं
पालतू कुत्तो से
दोनों में हो रही है घमासान जंग
चल रहा है घात-प्रतिघात
दो खूंनी नस्लों के बीच
दड़बे में दुबके कबूतर दोनों के निशाने पर हैं ....
भेड़िये और कुत्तों के मालिक
कर रहे हैं वार्ता
युद्ध विराम के लिए
रचे जा रहे हैं संधिपत्र,
देर रात
हुई कुछ मुद्दों पर सहमति
घोषित हुआ युद्ध विराम
पंखो की फड़फड़ाहट
अभी भी सुनायी पड़ रही है
हवा में तैर रहे हैं उजले पंख
वातावरण में चीखें हैं या फिर डकारें ....
रात जो हादास हुआ
दिया जायेगा उसका मुआवजा
दोनों पक्षों को .....।