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मुकेश गंभीर / रहगुज़र / शोभा कुक्कल

Kavita Kosh से
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"रहगुज़र" (ग़ज़ल संग्रह) शोभा कुक्कल द्वारा रचित एक ऐसी रचना है, जिसके सम्बन्ध में दो शब्द लिखते हुए मुझे बेहद सुखद अनुभूति का एहसास हो रहा है। मैंने शोभा कुक्कल की प्रथम कृति के विमोचन में भी शिरकत की थी लेकिन मुझे का पुस्तक का विमोचन करते समय या बात का एहसास नहीं था कि शोभा कुक्कल "रहगुज़र" मव इतनी सुन्दर ग़ज़लों का संग्रह कर देंगी। उनकी ग़ज़ल का पहला शेर पढ़ने ही बहुत ही संवेदनात्मक एहसास जागता है।

-ख़्वाब थे मेरे कुछ सुहाने से
 आपको क्या मिला मिटाने से


इसी ग़ज़ल का अगला शेर भी काबिले गौर है जहां वो लिखती हैं

-बद्दुआ मत गरीब की लेना
 बाज़ रहना उसे सताने से


शोभा कुक्कल उम्र के उस पड़ाव पर हैं, उनकी ग़ज़लों का एक एक शेर उनके जीवन के अनुभवों का निचोड़ देता है। केवल वही ये लिख पाने का सामर्थ्य रखती हैं-

दुनिया है चार दिन की, सब आकर चले गये
सब अपना अपना राग सुनाकर चले गये


कोई भी शायर अपनी शायरी में अपने आस पास के माहौल को अनदेखा नहीं कर पाता। माहौल में बसी हुई टीस शायर और उसकी शायरी में भी उतरती ही है इसलिए तो शोभा जी इन शेरों को कह पाई।

-शायद कि इलेक्शन में खड़ा होना है उस को
 वो शख्स मुझे आज बहुत झुक के मिला है

- अन्ना से भी इस देश के हालात ना सुधरे
 रिश्वत का था जो हाल वही हाल रहा है


शोभा कुक्कल शायरा हैं। उनकी शायरी में स्त्री की संवेदना और दूरदर्शिता शामिल है। इसलिए शायरी में वो लिख पाईं-

गिर पड़े राह में न जाने कब
क्या भरोसा किसी शराबी का

व्यावहारिक जीवन की सत्यता को उन्होंने अपनी शायरी में ख़ूब पहचाना है

हर किसी से तपाक से मिलना
राज़ है अपनी कामयाबी का


सारे ग़ज़ल संग्रह की एक एक ग़ज़ल को आप पढ़ते जाइए और आपको मालूम होगा कि शायद ही कोई ऐसा विषय है, जो उनकी कलम से अछूता रह गया हो। देश की राजनीति के हालात पर कटाक्ष करते हुए वह लिखती हैं-


नहीं जिनके हाथों में ताक़त ज़रा भी
वतन के वो परचम को फहरा रहे हैं

न अहले सियासत की चालों में आना
वो जाल अपना हर ओर फैला रहे हैं


सचाई तो यह है कि यदि मैं उनके एक एक शेर की प्रशंसा करने लगूं तो शायद ग़ज़ल संग्रह को मुझे पुनः लिखना पढ़ेगा। शोभा जी का प्रयास अति सराहनीय, संवेदनशील, अतिअनुभव से ओत प्रोत है। मैं एक बार फिर से तहे-दिल से उनको मुबारकबाद देता हूँ और कामना करता हूँ कि वो अक्सर शायरों की महफ़िलों में अपने इस ग़ज़ल संग्रह की बेहतरीन ग़ज़लों के साथ शिरकत किया करेंगी और अपने इस गज़ल संग्रह से अधिक से अधिक अवगत कराएंगी।