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मुक्ति / निशांत
Kavita Kosh से
ख़ूब ज़ोर से
गहरी साँस लेता हूँ
और ज़्यादा ज़ोर से
'हुम' करके छोड़ता हूँ उसे
मुक्त करता हूँ अपने आप को
अपने से इस तरह भी