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मुक्तियात्रा / लीलाधर जगूड़ी
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ड्राइवर !
हम हैं तुम्हारे गाँव के लोग
जागो
ड्राइवर !
देखो, चीज़ों में अब भी स्वाद है
हमारे पास रोटी और साग है
खाओगे ?
कुएँ का जल है; पिओगे ?
-कहाँ जाना है ?
ड्राइवर !
हमें राजधानी से अपना गाँव
छुड़ाकर लाना है ।