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मुझे याद कोई रहने देना / ईशान पथिक
Kavita Kosh से
मुझे नाम नही देना कोई
मुझे याद कोई रहने देना
कह मत देना कभी कहीं
कोई आशिक़ था दीवाना था
जो पागल शम्म-ए-इश्क़ में
जल गया मैं वो परवाना था
मुझे नाम नही देना कोई
मुझे याद कोई रहने देना
तूने चाहा नही मुझे पर
उस दिल का एक कोना मेरा है
वही बैठ तुझे पुकारूंगा
इतना अधिकार तो मेरा है
मुझे आराम नही देना कोई
मुझे याद कोई रहने देना
कभी दिल जो तेरा टूटेगा
तू याद करेगी मुझको तब
तू मुझको ढूंढेगी सुनले और
मैं न मिला जो तुझको तब
मुझे इल्ज़ाम नही देना कोई
मुझे याद कोई रहने देना