मुनीर नियाज़ी / परिचय
उर्दू और पंजाबी की शायरी को समर्पित मुनीर नियाज़ साहब, जिनका असली नाम मुनीर अहमद था, के निराले अंदाज को सुनने मुशायरों में आये श्रोता मंत्र मुग्ध हो जाते थे. आपका जन्म १९ अप्रैल, १९२८ को होशियारपुर, पंजाब, भारत में हुआ. आपकी प्रारंभिक शिक्षा साहिवाल जिले में और फिर उच्च शिक्षा के लिये आपने दियाल सिंह
कॉलेज, लाहौर मे दाखिला लिया.
नियाज़ी साहब बँटवारे के बाद साहिवाल में बस गये थे और सन १९४९ में ‘सात रंग’ नाम मासिक का प्रकाशन शुरु किया. बाद में आप फिल्म जगत से जुड़े और अनेकों फिल्मों में मधुर गीत लिखे. आपका लिखा मशहूर गीत ‘उस बेवफ़ा का शहर है’ फिल्म ‘शहीद ‘ के लिये स्व. नसीम बेगम ने १९६२ में गाया. बक़ौल शायर इफ़्तिकार आरिफ़, मुनीर साहब उन पांच उर्दू शायरों में से एक हैं, जिनका कई यूरोपियन भाषाओं में ख़ूब अनुवाद किया गया है.
आपको मार्च २००५ में ‘सितार-ए-इम्तियाज’ के सम्मान से नवाज़ा गया.
मुनीर नियाज़ी साहब के ११ उर्दु और ४ पंजाबी संकलन प्रकाशित हैं, जिनमें ‘तेज हवा और फूल’, ‘पहली बात ही आखिरी थी’ और ‘एक दुआ जो मैं भूल गया था’ जैसे मशहूर नाम शामिल हैं.