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मुरगे राजा / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
मुरगे राजा, मुरगे राजा,
बजा नहीं क्यों तेरा बाजा?
बड़ी देर से सोच रहा हूँ
कब बोलेगा तू कुकड़ूँ-कूँ?
पर तू किस चिंता में आज,
बोल जरा, क्यों है नाराज?
मुरगे राजा, मुरगे राजा,
बड़ा सुरीला तेरा बाजा।
जरा हवा में तान उठा जा,
कुकड़ूँ-कूँ का राग सुना जा।