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मुश्किल समय में / मोहन सगोरिया
Kavita Kosh से
सोचो गर ऐसा हो कि
करा ले कोई नींद का पेटेण्ट
तब नींद के बारे में फूछने पर
वह उसकी मर्ज़ी से ही बताएगा
और उतना ही देगा जितनी
क्षमता होगी उसके पास पहुँचने वाले की
यह भी सम्भव है कि
वह कुछ कहे-सुने बग़ैर टरका दे आपको
ऐसे मुश्किल समय में
हमें अपने खेतों की ओर लौटना होगा।