भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मृत्यु-1 / दीप नारायण

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मृत्यु नहि अंतिम सत्य जीवनक
जीवन निहित अछि मृत्यु मे

जेना,
पाकल आमक गर्भ मे
जीवन सेवने अछि आँठी

तहिना,
मृत्यु पहिल डेग थिक
जीवनक अमरता दिस

हुनका लेल
जे नीलकंठ जँका बिख केँ घोंटि
परसति रहलखिन दुनियाँ मे
खुशी, प्रेम, आनन्द आ मुस्की ।