भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मृत्यु / एल्युआर
Kavita Kosh से
मृत्यु
मृत्यु आई थी अकेली
अकेली ही वह चली गई
और जो करता था जीवन से प्यार
वह रह गया
अकेला
(मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी)