भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरा जिगरी यार / मंगली आला शायर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कब आवैगा तू इन आँख्या नै बस तेरा इंतजार है
तेरे ऊपर अपनी जान वार दयू लाडले एक तू ए तो मेरा जिगरी यार है

मैं चाँद की रोशनी तू चमकता तारा रये
तू मेरे दिल का टुकड़ा है तू मनै लागै जान तै प्यारा रये
यो दिल किसी छोरी पै नी लाडले बस तेरे ऊपर आरया रये
तेरी बोली इतनी मीठी रै जणूं बाजै मीरा का इकतारा रये

भूल म्हं कोए गलती हो ज्या तो कान पकड़ के माफी है
के मनै दौलत नी लेणी लाडले बस तेरा प्यार ही काफी है

पहला माँ बाबू तै दूजा मेरी कलम तै अर तीजा तेरे तै प्यार है
तेरे ऊपर अपनी जान वार दयू लाडले एक तू ए तो मेरा जिगरी यार है