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मेरा नाम कल / केदारनाथ अग्रवाल

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मेरा अनुज
मुझसे बड़ा है
मेरे ऊपर
वह खड़ा है
जमीन में
नीचे
मैं पड़ा हूँ

मेरा नाम-कल
(जो बीत गया)
उसका नाम
-आज
जो है।

रचनाकाल: १४-०९-१९६५