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मेरी उम्र / प्रज्ञा रावत

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मेरी उम्र कटती है
जैसी गुज़रती हों माँ
मुझमें से

पेड़ पर धीमे-धीमे
पकते फल की तरह

जो अब गिरा... अब गिरा।