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मेरी तेरी सबकी बात / विजय वाते
Kavita Kosh से
बुनियादी हक झूठी बात
जलसे नारे घूसे लात
विगलित मन अंधा चेतन
तेरी मेरी सबकी बात
सूरज को भी नहीं पता
निशा निरापद अटल प्रभात
लंगड़े तर्क, दिलों मे फर्क
तारों की कुंठित बरात
पल भर चमके लुप्त हो गये
जुगनू जैसी काली रात
सिस्टम ये बदलेंगी यारों
लंगडी लूली शिष्ट जमात