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मैं / जोवान्नी राबोनी
Kavita Kosh से
मैं वही हूँ
जो तुम थे
मैं वही बनूँगा
जो तुम हो।
मैं कहता हूँ फुसफुसाकर
अपनी आँखों से
जो पीछा कर रही हैं मेरे क़दमों का
निगुआर्दा छावनी के वार्ड के एक पलंग से
या विआ स्फ़ोर्ज़ा के एक अस्पताल से
तुमने मुझे ज़रूरत से ज़्यादा कूत लिया है
मैं तो बस, एक गुर्दा हूँ साधारण-सा
जो गुम हो जाएगा इस बार
अपनी आख़िरी बारी में
और मेरा दिल !
आह... दिल !
मुझे माफ़ कर देना
मेरी रुह !
बस, मैं और नहीं खेल सकता यह खेल
बार-बार नहीं कर सकता मौत का अभिषेक
उम्मीद
नहीं देनी चाहिए उन्हें
जो पहले ही मर चुके हैं
सिर्फ़ आशा जगाना उन के मन में
कुछ और दिन के लिए
बस, एक वसन्त और जी जाओगे
बस, एक बर्फ़बारी और देख लोगे।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय