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मैं निरगुनिया गुन नहिं जाना / धरनीदास

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मैं निरगुनिया गुन नहिं जाना।
एक धनी के हाथ बिकाना।
सोइ प्रभु पक्का मैं अति कच्चा।
मैं झूठा मेरा साहब सच्चा।
मैं ओछा मेरा साहब पूरा।
मैं कायर मेरा साहब सूरा।
मैं मूरख मेरा प्रभु ज्ञाता।
मैं किरपिन मेरा साहब दाता।
धरनी मन मानों इस ठांउं।
सो प्रभु जीवों मैं मरिजाउँ।