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मैं ही क्यूँ / रेखा चमोली
Kavita Kosh से
हर बार मैं ही क्यूँ
बनूँ धरती
और तुम आसमान
हर बार में ही क्यूँ
बनूँ मीरा
और तुम कृष्ण
हर बार मैं ही क्यूँ
सबसे पहले उठकर
सबसे बाद में सोऊँ
हर बार मैं ही क्यूँ
बदल डालूँ खुद को
तुम्हारे लिए
हर बार मैं ही क्यूँ?