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मैंने नाम लिया / यून्ना मोरित्स
Kavita Kosh से
मैंने फूल का नाम लिया -- फूल खिल उठा
चटख रंगों में बिखेरने लगा पराग ।
मैंने चिड़िया का नाम लिया -- गाने लगी चिड़िया
अण्डे में से रोशनी में निकल आई सब बन्धन तोड़ ।
मैंने दिन का नाम लिया, नाम लिया इस क्षण का
कि आ गया यह दिन, यह क्षण
मैंने बच्चे का नाम लिया -- वह पैदा हो गया,
और रहेगा जीने के लिए हमारे बाद ।
अभी मुझे नाम लेने हैं कुछ और चीज़ों के
जो पड़ी हैं अनाम अन्धकार में ।
एकदम मामूली है मेरा यह जादू
लेकिन यह रहेगा अभी जादू ही ।